Wednesday, May 8, 2013

बिल्ली के भागों छीका फूटा

पिछले दिनों कई राज्यों में लगातार हारने के बाद आखिर कांग्रेसिओं  की जान में जान आ ही गई।

कर्नाटक में कांग्रेस को बी जे  पी वालों ने जीत बाकायदा वरमाला की तरह भेंट में दी।

काँग्रेसी  इस जीत की ख़ुशी बड़ी जोर-शोर से मना रहे हैं , ताकि इनके ढोल-नगाड़ों की आवाज़ में सुप्रीम कोर्ट की लताड़ दब कर रह जाए।

पिछले कई चुनावों में लगातार पिटने  के बाद , कांग्रेस को यह जीत मिली है।और कान्ग्रेसिओं का राजकुमार आखिर जीत का स्वाद भी  चख पाया। या यों कहें कि बिल्ली के भागों छीका टूटा।

वैसे अगर असलियत में देखा जाए तो यह जीत कांग्रेस की नहीं है , बल्कि बी जे पी की लीडरशिप की शर्मनाक हार है।शुरू दिन से जिस प्रकार येदुरप्पा को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया , उसे बी जे पी के धुरंधर नहीं संभाल पाए और कांग्रेस के जाल में फंसते चले गए।

उसके बाद कर्नाटक में बी जे पी में  आपस की फुट का जो नंगा नाच हुआ उसने पार्टी को बहुत बदनाम कर दिया।

रेड्डी बंधुओं के मामले को इतना अधिक तूल दिया गया जैसे कहर टूट पडा हो। और ये सब हंगामा उस कांग्रेस पार्टी ने बड़ी सफलता के साथ किया जी खुद गले-गले तक कोयला घोटाले और ना जाने कितने घोटालों में डूबी पड़ी है।


इन सब मामलों को देखकर ये साफ़ समझ में आता है कि भ्रष्टाचार कोई मुद्दा था ही नहीं ,क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में तो हमारी केंद्र सरकार चेम्पिओन है।

बी जे पी को येदुरप्पा का मामला ही ले डूबा।



 दूसरी  तरफ आज ही के दिन सुप्रीमकोर्ट ने  कोयले के मामले  की जांच कर रही  सी बी आई  की टीम को झाड़ते हुए , सी बी आई  को पिंजरे में बंद तोता तक  कह डाला। सुप्रीम कोर्ट ने सी बी आई की टीम की कार्यप्रणाली पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि सी बी आई जिनके खिलाफ जांच कर रही है , उन्ही को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने से पहले कैसे दिखा सकती है ?

मजे की बात यह कि कोर्ट की नाराजगी को देखते हुए भारत सरकार के सबसे बड़े वकील साहब यानी अटोर्नी जनरल ने कोर्ट की नाराजगी से बचने के लिए हर जिम्मेदारी से पल्ला झाड लिया।

अटोर्नी जनरल ने कोर्ट के आगे गुहार ये लगाईं कि मैंने तो वही किया जो मुझे मंत्री जी ने करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी बहुत खतरनाक है और भारत के प्रधानमन्त्री एवं क़ानून मंत्री की ओर  इलज़ाम लगाती हुई उठ रही है।

अब आप देखना कि कैसे सारे जोकर एक सुर में बचाव का गीत भांडों की तरह पूरी बेशर्मी से गायेंगे।

मैं कभी भी यह नहीं चाहूंगा कि बी जे पी के लोग कांग्रेसियों की तरह बिलकुल बेधडक  होकर बेशर्मी  पर उतर आएं , किन्तु ये ज़रूर चाहूंगा की हमारे प्रिय नेतागण अपनी राजनैतिक सूझबूझ को सुधारें और एक सुर में एकता का परिचय देते हुए बोलना सीखें।







 

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