Wednesday, February 13, 2013

कहाँ जा रहे हो ?

आज लोग मस्ती में हैं , खास तौर पर नौजवान।

आज velentaine डे जो है।

बहुत से लोग इस दिन का विरोध भी करते हैं।

एतराज करने वाले इसे समाज में व्यभिचार वृत्ति को बढावा देने वाला मानते हैं।

जबकि नौजवान इस दिन को प्रेम प्रदर्शन का एक स्थापित दिन मानते हैं।

बात अब केवल   गुलाब के फूल या टेडी बियर तोह्फे में देने तक  नहीं रह गइ है, बल्कि नौजवान जोडे कैसे अपनी आज की  शाम को ज्यादा से ज्यादा रंगीन और यादगार बना सकें इस की भी है।

कमाल तो ये हो गया है कि निरोध बनाने वाली कम्पनियाँ नौजवानों में निरोध मुफ्त बांटने तक ही  नहीं रुक रही , बल्कि इस बार वो नौजवानों को अपनी शाम का बिना किसी रुकावट के आनन्द लेने के लिए जगह भी आफ़र कर रही हैं।

हो सकता  है ये कम्पनियाँ अगले  साल किसी प्रतियोगिता का एलान भी 
कर दें , जिसमें आज की शाम में सबसे ज्यादा निरोध इस्तेमाल करने  वाले जोडे को इनाम से नवाज़ा जाए।

( निरोध से मेरा मतलब कोंडोम से है,ना कि किसी ब्रान्ड विशेष से )

आज जब नौजवान लड़कियों को आज की  शाम सफल बनाने के लिए अखबार के माध्यम से भड़किली और stylish लिंगरी पहनने कि सलाह दी जा सकती है,तो ये कम्पनियाँ अपने फायदे के लिए नौजवानों की भावनाओं को कहाँ तक भड़कायेंगी इसके बारे में कौन क्या कह सकता है ?

इन सब बातों को देखते हुए बडी  आसानी से बात समझ में आ जाती है कि क्यों कुछ लोग इस दिन का विरोध कर रहे हैं और क्यों नौजवान विरोधियों से नाराज़ हैं और सबसे ऊपर बात ये समझने की है कि क्यों इन कम्पनियों  के pitthoo ये अखबार नौजवानों को ठीक राह दिखाने के बजाय ज्यादा से ज्यादा भड्का और उकसा रहे हैं।

यदि आप के मन में भी कहीं कोइ घन्टी बज्ती हो तो कृपया अपने अमूल्य 
विचार अवश्य दें साथ् ही  इसे अपने सभी मित्रों के साथ अवश्य-अवश्य शेयर करें।

धन्यवाद।