Monday, June 3, 2013

मोदी जी के मतवालों के नाम   

 ( कृपया थोड़ा समय लगा कर बहुत गंभीरता से इस लेख को पढ़ें और फिर अपने मन में इस पर विचार भी करें )

 पिछले कुछ समय से बहुत सोची - समझी चाल के तहत एक बहुत खतरनाक प्रचार देश में फैलाने का षड्यंत्र  रचा  जा रहा है .

 मेरे कांग्रेसी भाइयों ने अंग्रेजों से एक बहुत कामयाब फार्मूला ग्रहण किया हुआ है .

    " फूट  डालो और राज करो " 
  इसी मन्त्र को ध्यान में रखते हुए मेरे कांग्रेसी भाइयों के कूटनीति शास्त्रियों ने एक बहुत कामयाब लेकिन खतरनाक वादविवाद देश में खडा किया हुआ है . आज सारा मीडिया इसी एक ही वाद-विवाद में उलझा नज़र आ रहा है

.                कौनसा प्रदेश अधिक तरक्की कर रहा है  ?
                  कौन सा मुक्षमंत्री अधिक कुशल एवं कामयाब नेता है  ?
                   कौन अधिक कामयाब प्रधान मंत्री हो सकता है  ?

 और मज़े की बात ये कि तुलना केवल तीन लोगों में ही की जा रही है  .

                   पहला नाम गुजरात के मुक्षमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी का है .
                    दूसरा  नाम बिहार के मुक्षमंत्री श्री नितीश कुमार का है .
                     और तीसरा  नाम मध्यप्रदेश के मुक्षमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान  का है .

 वैसे  तो इस बात को कोई भी नहीं नकार सकता कि ये तीनों बहुत इमानदार हैं ,  जन-जीवन की समस्याओं को भली - भाँती समझते हैं , इसीलिए  इन तीनों नेताओं ने अपनी सूझ-बूझ और अपनी कार्य कुशलता के दम पर ही अपने-अपने प्रदेशों में चमत्कारिक तरक्की की है , नतीजा  ये  है कि ये  तीनों नेता आज  बहुत अधिक लोकप्रिय हैं . वैसे  आजकल इन तीन नामों के साथ एक और चौथा नाम भी धीरे-धीरे जुड़ता नज़र आ रहा है , छत्तीसगढ़ के मुक्षमंत्री   डाक्टर श्री रमण लाम्बा का नाम .

 चलिए हम भी इन सब के कार्य-कलाप पर थोड़ी नज़र डाल कर ही आगे बढ़ते हैं ,

जहां श्री नितीश कुमार , श्री शिवराज सिंह चौहान और श्री रमण लाम्बा लगातार दो बार  चुनाव जीतकर अपने-अपने प्रदेश के  दो -दो बार  बहुत कामयाब मुक्षमंत्री रह चुके हैं और तीसरी बार मुक्ष्मंत्री बनने के लिए  चुनाव  लड़ने की तैयारी कर रहे हैं वहीं श्री नरेन्द्र मोदी अपने दम पर तीन बार चुनाव जीतकर चौथी बार गुजरात के मुक्षमंत्री बने हैं .
 ( उनका पहला कार्यकाल केवल एक वर्ष और एक महीने का था और उसके बाद दो बार पूर्णकालिक मुक्ष्मंत्री रहने केबाद अब चौथी बार लगातार मुक्षमंत्री बने हैं )

अब जब सब ही कुशल एवं इमानदार नेता हैं तो इन के बीच की जाने वाली नाप-तोल से परेशानी क्यों ?
आखिर ये सब  हमारे देश के भले  के लिए ही तो किया जा रहा होगा ?
 इसमें  षड्यंत्र  कहाँ है ?

 लेकिन अगर गहराई से शान्ति पूर्वक विचार किया जाय तो राजनीती की मामूली सी भी समझ रखने वाला बहुत आसानी से सारा षड्यंत्र समझ जाएगा .

 षड्यंत्र  मुक्ष रूप से मोदी जी के महान व्यक्तित्व के मुकाबले में उनके अपने भाइयों को खडा करने का है .

 श्री नरेन्द्र मोदी के मुक्ष मंत्री बनने से पहले गुजरात में आये दिन हिन्दू-मुसलामानों के बीच साम्प्रदायिक दंगे होते ही रहते थे . कई-कई साल   से मुस्लिम भाइयों ने हिन्दुओं का  धार्मिक त्यौहार रथयात्रा तक नहीं मनाने दिया था . गुजरात में तस्करी , गुंडागर्दी , बिजली  और सड़क की बदहाली और ना जाने कितनी दुर्दशा थी .

 श्री मोदी जी के मुक्षमंत्री बनने के बाद से लेकर अब तक गुजरात में जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम नहीं है . गाँव-गाँव में सडकें ,हस्पताल और स्कूलों के अतिरिक्त सभी सरकारी कार्यालयों में सुचारू रूप से बिना किसी अड़चन के जन साधारण के कार्यों का निपटारा एक बहुत बड़ा वरदान है .

जब फूल खिलते हैं तो खुशबू चारों और फैलती है , यही बात श्री मोदी जी के साथ भी हुई . पूरे देश में अकेले श्री मोदी जी ही हैं , जिनके ऊपर चारों ओर से साम्प्रदायिकता के नाम पर  लगातार झूठे  हमले होते रहे हैं  , एक के बाद दूसरा , दुसरे के बाद तीसरा और तीसरे के बाद न जाने कितने झूठे  मुक़दमे श्री मोदी पर डाले गए ,परन्तु बिना इन सब बातों की परवाह किये श्री मोदी , कभी झुके  नहीं , कभी रुके नहीं  और केवल विकास की बात करते हुए बिना मुस्लिम भाइयों को कोई एक्स्ट्रा वायदे करते हुए हमेशा  आगे बढ़ते रहे . गुजरात के जन -जन ने  इन्हें  अपनी सर-आँखों पर बिठाया . और आज श्री मोदी अपने गुणों के ही कारण सारे देश में , उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक हरदिल अज़ीज़ सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं .

श्री मोदी जी के अतिरिक्त हमारे बाकी तीनों नेताओं ने इतने अधिक दुष्प्रचारों और विरोधों का सामना नहीं किया . इन सब ने बिना किसी मुकदमेबाजी में उलझे केवल अपने राज्य के विकास का ही कार्य किया , जबकि श्री मोदी जी ने साम्प्रदायिकता के झूठे लांछन से लड़ते हुए बिना कोई   साम्प्रदायिक समझौता  किये अपने प्रदेश का विकास किया .

 उनकी यही अदा सब को भा गई .

नतीजा ये है कि :-

 बहुत से , सरकारी और गैरसरकारी ,देशव्यापी , सर्वे किये जा चुके हैं , किन्तु हर बार निर्विवाद रूप से सर्वाधिक लोकप्रिय  नेता  के रूप में  केवल  और केवल श्री नरेन्द्र मोदी का नाम ही उभर कर आया है .

यही कारण है कि मेरे कांग्रेस के नेता - गणों की रात की नींद और दिन का  चैन हराम हो गया है .

 मोदी जी के कार्यों को तो नकार नहीं सकते , और आज जब चारों ओर से प्रधान मंत्री पद के  उम्मीदवार के रूप में  श्री मोदी के नाम की पुकार मची हुई है ,तब कांग्रेसी भाइयों को एक ही रास्ता नज़र आ रहा है . इसी लिए ये वादविवाद खडा किया जा रहा है , ताकि हमारे  इन नेताओं के बीच फुट पड़े और  हमारे नेताओं के  प्रशंशक कार्यकर्ता  जो सारे के सारे  एन  डी  ए  के ही कार्यकर्ता हैं , अपने-अपने नेताओं की जय बोलते हुए आपस में  ही लड़ मरें और इस बन्दर बाँट में लुटी-पिटी पूरी तरह भ्रष्टाचार की दलदल में डूबी कांग्रेस को फायदा मिल जाय और वो एक बार फिर सत्ता में आ जाए .

 इसीलिए मैं यह कहता हूँ कि समय बहुत समझदारी से चलने का है . 

मोदी जी की शान को  यदि आगे बढ़ाना है तो अपने भाइयों को अपना दुश्मन मत बनने  दो . मोदी जी की जय भी बोलो लेकिन इस बात का भी ध्यान रखो की हमारे भाइयों के दिल को चोट ना पहुंचे . यदि हम यह कर सके तो कांग्रेसी फेल हो जायेंगे और मोदी जी के नेत्रित्व  में  देश में सुराज की स्थापना हो सकेगी , वरना फिर वही भ्रष्टाचार और महँगाई का नंगा नाच . 


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 धन्यवाद .