Sunday, May 26, 2013

नक्सली हमला 

आज सभी न्यूज़ चेनल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की यात्रा पर हुए नक्सली हमले और उसमें मरे 29 लोगों की मौत की खबर को ही लेकर बहुत उत्तेजित हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के नेताओं की भी इस हमले में मौत हो गई है. जो कुछ भी हुआ है वह बहुत बुरा हुआ है , इस हमले से जहां मृतकों के परिवार पर मातम की काली छाया उतरी है , वहीं यह हमला पूरे देश के लिए बहुत बड़ा नुक्सान पहुंचाने  वाली एक भयानक घटना है. मैं इस दुःख की घडी में मृतकों के सगे -सम्बन्धियों के दुःख को समझते हुए , जहां परमात्मा से मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करता हूँ , वहीं मृतकों के संबंधियों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट करता हूँ , इश्वर उन्हें यह दारुण -दुःख सहने की शक्ति दे .


 जिस  घर -परिवार  का सदस्य इस प्रकार की अनहोनी के हवाले से मृत्यु के घाट उतरता है , उस परिवार के पीछे बच  गए सदस्यों का भी जीते जी ही जैसे मरण ही हो जाता है .

मुझे याद है  पिछले साल भी एक बहुत बड़ा  नक्सली हमला हुआ था .यह हमला घात लगा कर हमारे सुरख्या कर्मियों पर किया गया था और इस हमले में   7 2  सुरख्या कर्मी मौत के घाट  उतार दिए गए थे ,तब उन जवानों की सहायता के लिए हवाई सहायता तीन दिन तक भी नहीं पहुँच पाई थी , वहाँ के सुरख्या कमांडर्स घायलों की जान बचाने के लिए , शीघ्र चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए , हवाई सहायता   की मांग करते हुए  चीखते -चिल्लाते रह गए  लेकिन तीन दिन तक  कोई कार्यवाही नहीं की गई , नतीजतन कई घायल जवानों ने ट्रक पर ले जाते हुए रास्ते में ही दम तोड़ दिया . वो भी किसी के घर के चिराग थे . वो भी किसी घर के इकलौते पालनहार थे . सब से बड़ी बात ये वे सब उस दुर्गम जंगल में कोई राजनीति करने नहीं गए थे , बल्कि देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की परवाह ना करते हुए देश के लिए अपना फ़र्ज़  निभाते हुए शहीद हुए थे .

अब क्या कहूं , यही ना , कि बड़ी ख़ुशी की बात है कि कम से कम  इस हमले में  घायल हुए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को  समय पर चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए बिना समय गवांये   सारी  कार्यवाही तुरतफुरत   कर ली गई  और श्री विद्या चरण शुक्ल जी को उनकी गंभीर हालत को देखते हुए  तुरन्त हवाईजहाज़ के द्वारा घटना स्थल  से  हज़ारों मील दूर गुडगाँव के एक हस्पताल में इलाज के लिए दाखिल भी करा दिया गया .

बड़ा अच्छा लगा कि इस बार सहायता कार्य बिना किसी तरह की ढिलाई दिखाए बड़ी मुस्तैदी से कर लिए गए .
 काबिले गौर बात ये है कि तमाम सहायता कार्य हमारी एयर फ़ोर्स के द्वारा अब भी हुए हैं और पहले भी होने थे .फर्क सिर्फ ये है कि उस समय 72 सिपाहियों की मदद के  लिए उनके कमान्डेंट चिल्ला-चिल्ला कर विनती कर रहे थे पर हर कोई , कोई ना कोई परेशानी बताते हुए अपनी ज़िम्मेदारी से बच  रहा था  किन्तु  इस बार श्री राहुल गांधी ने सहायता कार्य हर प्रकार से तेज़ी से बिना किसी प्रकार की ढिलाई किये करने की आज्ञा दी थी  . श्री राहुल गांधी फ़टाफ़ट छत्तीसगढ़ पहुँच भी गए , क्योंकि यात्रा भी राजनैतिक थी और इस समय की जा रही सारी  कार्यवाही भी राजनैतिक ही है , क्योंकि थोड़े ही समय बाद छत्तीसगढ़ में चुनाव होने वाले हैं .

आज तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र की रक्षा हेतु सारे प्रदेश में बंद का ऐलान भी कर दिया है , किन्तु जब देश के 7 2 जवान अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए थे तब क्यों नहीं कोई कान्ग्रेसी बोला ,क्या मेरे कांग्रेसी भाईओं के मन में उन जवानों की शहादत की कोई कीमत नहीं . काश हम राजनीतिक व्यक्तियों जितना ही सम्मान देश के जवानों का भी कर पाते .

 ( लेकिन ये दुखद घटना किस की मूर्खता के कारण हुई ये कल बताउंगा )

 तब तक के लिए अलविदा . आप सब अपने विचार ज़रूर लिखें . यदि आपको कहीं कोई बात गलत लगती है तो अवश्य बताएं . धन्यवाद .





















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