Saturday, May 4, 2013

भ्रष्टाचार की जय

 सारे टी वी चैनल आज सुबह से जोर-शोर से एक खबर दिखा रहे हैं।

"रेल मन्त्री श्री पवन बंसल के भांजे को सी . बी  आई  ने रेल के एक उच्च अधिकारी से प्रमोशन के सन्दर्भ में 90 लाख रूपये की रिश्वत लेने के कारण मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। मामला 2 करोड़ का है जिसमें से बाकी की रकम अभी दी जानी थी।भांजे जी के साथ - साथ रिश्वत देने वाले रेल के उच्च अधिकारी महोदय भी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

मुझे ना तो इस खबर को सुन कर कोई हैरानगी हुई और ना ही कोई झटका लगा , क्योंकि आखिरको श्री बंसल भी तो कांग्रेस पार्टी के ही ओहदेदार हैं और किसी भी कांग्रेसी  नेता का किसी भ्रष्टाचार के मामले में फंसा हुआ पाया जाना एक बहुत ही मामूली और आम बात है।और फिर श्री बंसल ने कौनसा बड़ा गुनाह कर दिया।

जब कांग्रेस पार्टी की सर्वो-सर्वा का जवाई जो कि दुनिया जानती है कि शादी से पहले कंगले से ज़रा ही बेहतर हैसियत का इंसान था और आज हज़ारों लाख करोड़ का मालिक बना बैठा है और किसी की हिम्मत नहीं कि कोई उसके खिलाफ कोई कदम उठा सके तो श्री बंसल पैसे बनाने के मामले में क्यों पीछे रहें।

मज़े की बात श्री बंसल के  भांजे द्वारा रिश्वत लेना नहीं है , क्योंकि रोजाना कोई ना कोई इस सरकार का ओहदेदार रिश्वत या अन्य किसी घोटाले में फंसा पकड़ा ही जाता है , अतः ये खबरें तो अब  कोई महत्त्व ही नहीं रखतीं।

इस सारे मामले में ख़ास ध्यान देने वाली बात मैं कुछ और ही मानता हूँ।

ध्यान दीजिये और पूरी बात को समझने की कोशिश करिए।

ज्यों ही ये खबर आम हुई ,विरोधी दल यानी बी जे पी ने श्री बंसल के इस्तीफे की मांग कर डाली। बी जे पी  द्वारा इस्तीफे की मांग करते ही सारे चोर-चोर मौसेरे भाई लामबंद हो कर श्री बंसल के बचाव में आ खड़े हुए .सारे विद्वान  कांग्रेसी एक सुर में कहने लगे की श्री बंसल को इस्तीफा देने की ज़रुरत नहीं है , क्योंकि श्री बंसल ने साफ़ कर दिया है कि उनका अपने भांजे की करतूत से कोई लेना -देना नहीं है।

यानी अगर चोर ये कह दे कि वो गुनाहगार नहीं है तो उसका अपने को बेगुनाह कहना क़ानून के लिए चोर के पक्ष में बहुत बड़ा सबूत माना जाएगा।

इन अक़ल  के अन्धों  से कोई पूछे कि श्री बंसल के ये कहने से कि उनका अपने भांजे की करतूत से  कुछ लेना-देना नहीं है , क्या जनता विश्वास कर लेगी ?

अगर श्री बंसल का इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है तो रेल का वो उच्च अधिकारी क्या बिलकुल ही गधा है जिसने श्री बंसल के भांजे को अपने प्रोमोशन के लिए 2 करोड़ रुपये की पेशकश कर डाली और उसमें से 90 लाख दे भी डाले।अरे क्या इतनी बड़ी रकम कोई किसी को यों ही दे देता है।

एक छोटा-मोटा क्लर्क भी यदि अपने प्रोमोशन के लिए पैसे देता है तो दस बार सोचता  है कि ये पैसे जो मैं इस आदमी को दे रहा हूँ प्रोमोशन करने वाले तक पहूँचेंगे भी या नहीं।

और यहाँ पैसे देने वाला रेल का एक बहुत बड़ा अधिकारी। रिश्वत स्वीकार करने वाला मंत्री जी का सगा भांजा और रिश्वत  की रकम करोड़ों में।

फिर भी कांग्रेसी  डंके की चोट पर ये कह रहे हैं कि उनके मंत्री जी का कोई कसूर नहीं है , विरोधी लोगों को तो  इस्तीफा मांगने की बिमारी हो गई है।

इन्होने आम हिन्दुस्तानी को बिलकुल ही मूर्ख समझ रखा है क्या ?

लानत है इनकी बेशर्मी पर।

तो मैं ये कहना चाह रहा हूँ कि मेरे प्यारे कांग्रेसी भाई कितने भी गुनाह क्यों ना कर लें , कभी भी उसे स्वीकार नहीं करते और एक  जुट होकर  अपने चोर साथी   के बचाव  में आ खड़े होते  हैं।

उलटा इनका गुनाह उजागर करने वाले को ही गलत ठहराते हैं।

यानी चोरी और सीनाजोरी।



 

1 comment:

  1. kyaa aap mere vichaaron se sahmat hain?

    yadi haan to apne sabhi isht-mitron ke saath is link ko share kariye .

    ye bahut badaa apraadh hai jise sarkaar jantaa ki aankhon mein dhool jhounk kar rafaa-dafaa kar denaa chaahti hai .

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