Sunday, December 23, 2012

वाह री मेरी भोली सरकार

पिछले सप्ताह देश की राजधानी दिल्ली में ,देर शाम को , एक चलती बस में , एक युवती के साथ बड़ी  निर्ममता के साथ ,सामूहिक बलात्कार की घटना घटित हुइ।युवती एवम उसके साथी मित्र को बहुत ही वहशियाना तरीके से इतना अधिक मारा-पीटा गया कि दोनों को इलाज के लिए हस्पताल में भर्ती कराना पडा।लड़की की हालत बहुत नाज़ुक है।अब क्योंकि मामला बहुत अधिक तूल  पकड़ चुका है ,इसलिए डाक्टर भी जी-जान से उसे बचाने की कोशिश में लगे हैं।डाक्टरों का कहना यह है कि उन्होंने अपने जीवन में ,इतनी बेरहमी से मारी-पीटी गई ,बलात्कार की शिकार ,कोई भी लड़की या औरत कभी भी नहीं देखी।लड़की की हालत देख कर डाक्टरों का  भी कलेजा काँप उठा है।

ऐसे घिनौने समाचार अखबारों में प्रतिदिन पढने को मिलते हैं।समाज के चरित्र का इतना अधिक पतन हो गया है कि 2-2, 3-3 साल की नन्हीं बच्चियों तक के साथ यह दुराचार हो रहे हैं।बहुत से मामलों में दुराचारियों ने बच्चियों के साथ दुष्कर्म करके उनकी ह्त्या भी कर दी।पिछले दिनों एक युवक ने अपनी दादी की आयु की 80 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला के साथ मुँह काला किया और फिर उसे डरा -धमका कर पीट कर भाग गया।

ऐसे अपराध रोज़ हो रहे हैं,क्योंकि ज़्यादातर मामलों में अपराधी अपने पैसे और अपने रसूख के दम पर पकडे नहीं जाते और पीड़ित महिला और उसके परिवार वालों को पुलिसवाले डरा - धमका कर चुप करा देते हैं,क्योंकि पुलिस वालों की जेबें भर दी गई होती हैं।नतीजतन अपराधी समाज में बेधड़क एवम और अधिक बेशर्मी से घुमते नज़र आते हैं।कहीं-कहीं जहाँ पर अपराधी छोटे-मोटे लोग होते हैं ,जिनके पास कोई ताकत नहीं होती उन्हें पुलिस गिरफ्तार भी कर लेती है, किन्तु वहाँ भी मामले अदालतों में 
बरसों घिसटते रहते है और पीड़ित बरसों तक न्याय की आस लगाते-लगाते आखिर थक जाते हैं,और न्याय की उम्मीद छोड़ कर  चुप होकर 
बैठ जाते हैं।

बलात्कार के मामलों में एक और बड़ी दुखदाई हालत पैदा हो जाती है।समाज में बलात्कार की शिकार महिला समाज की सहानुभूति पाने के स्थान पर हमेशा असामाजिक तत्वों की वहशी निगाहों की शिकार बन कर रह जाती है।शायद ही कोई उस की मदद करने की हिम्मत जुटा पाता  हो।
उलटा होता ये है कि पीड़ित महिला और उसका परिवार जीवनभर इस दर्द 
को झेलने को मजबूर हो जाते हैं।पीड़ित लड़की को स्कूल /कालेज से निकाल दिया जाता है और पीड़ित  महिलाओं को बिना किसी कसूर अपनी नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया जाता है।

हालात से बदतर होते जा रहे हैं और ऐय्याश ऐय्याशियाँ करते सीना ताने घूम रहे हैं ,क्योंकि पुलिस वालों की जेबें गर्म हो रही हैं।चारों तरफ बदमाशों और  पुलिस के गठजोड़ का बोल-बाला है।इस गठजोड़ को ख़त्म किये जाने की ज़रुरत है।हालात ऐसे पैदा किये जाने की ज़रुरत है कि पीड़ित महिला चाहे ग़रीब हो चाहे अमीर ,अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने के लिए बेधड़क पुलिस स्टेशन का रुख कर सके।
हालात ऐसे पैदा किये जाने चाहियें कि पीड़ित महिला के मन में विश्वास होना चाहिए कि पुलिस थाने में उस पर भोंडी फब्तियां नहीं कसी  जायेंगी 
बल्कि उसे न्याय दिलाने के लिए उसकी शिकायत पूरी सहानुभूति के साथ  
सुनी जायेगी , उसके ज़ख्मों पर मलहम लगाने का प्रयत्न होगा ना कि नमक छिड़कने का।

आज समाज में शायद कुछ चेतना जागी  है।बिना किसी स्वार्थी राजनितिक दल या किसी सामाजिक संगठन के बुलाये हज़ारों की संक्षा में 
नौजवान युवक-युवतियाँ बलात्कारिओं के विरुद्ध अपना रोष प्रकट करने के लिए इण्डिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन के निकट विजय चौक तक इकट्ठा हुए हैं।22 तारीख को सुबह 9 बजे से लेकर देर रात तक प्रचण्ड रोष प्रदर्शन होता रहा, लेकिन देश के कानून के रखवालों को यह प्रदर्शन हज़म नहीं हुआ।देश की युवा शक्ति की मानसिकता का सम्मान करने के स्थान पर मेरी भोली सरकार के चमचों ने इन जोशीले युवक-युवतीओं के सात्विक विचारों को कुचलने के लिए उन पर ठन्डे पानी की बौछार मारी।यही नहीं इन बच्चों को प्रदर्शन स्थल से खदेड़ने के लिए पुलिस के दरिंदों ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और उन पर बड़ी निर्ममता से लाठियां भी बरसाईं।

लेकिन कमाल की हिम्मत है इन जवानों  की।भयंकर ठण्ड में ठन्डे पानी की मार , आंसू गैस के गोले और लाठियों की मार को झेलते हुए अपनी बात को सरकार के बहरे कानों तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शन स्थल पर डटे रहे।

युवकों की मांगें गलत नहीं हैं।बलात्कार की पीड़ित महिलाओं को बिना देर किये न्याय मिलना चाहिए।जघन्य अपराध के मामले में अपराधियों को फांसी की सज़ा होनी चाहिए।

देश में न्याय व्यवस्था कायम करवाने के लिए लड़ाई लड़ रहे इन बहादुर और जोशीले क्रांतिवीरों को मेरा शत-शत प्रणाम।

इन क्रांतिवीरों पर किये गए सारे अत्याचारों के लिए मैं 72 साल का वरिष्ट नागरिक इन वीरों से सारे देश की ओर से क्षमा माँगता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि इनके इस ओजस्वी रोष प्रदर्शन से इस बहरी - अन्धी सरकार को होश आएगा और बलात्कार की पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलेगा।

आप क्या सोचते हैं ? अवश्य बताएं।
धन्यवाद।






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